नेशनल डेस्क, न्यूज राइटर, 03 मार्च, 2023
त्रिपुरा, नागालैंड औऱ मेघालय में बीजेपी की शानदार स्थिति ने पार्टी को गदगद कर दिया है। इस बेहतरीन जीत के बाद जब पीएम मोदी दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में संबोधन देने पहुंचे तो उनके निशाने पर रहा विपक्ष। पीएम मोदी ने एक-एक कर विरोधियों के घेरा और उन्हें सख्त लहजे में जवाब देते हुए सच का आइना भी दिखाया।
भाजपा के प्रदर्शन से उत्साहित मोदी ने पार्टी के लिए अल्पसंख्यकों के बढ़ते समर्थन का हवाला देकर केरल पर अपनी नजरें गड़ा दीं और प्रतिद्वंद्वियों की आलोचना करते हुए कहा कि वे ‘मर जा मोदी’ की कामना कर रहे हैं लेकिन लोग ‘मत जा मोदी’ के नारे लगा रहे हैं।
पूर्वोतर ना दिल्ली से ना दिल से दूर – पीएम मोदी
भाजपा मुख्यालय में आयोजित समारोह में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि चुनाव परिणाम देश और दुनिया के सामने भारत के लोकतंत्र तथा लोकतांत्रिक संस्थाओं में लोगों की आस्था को प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनाव परिणामों ने पूरी तरह साफ कर दिया है कि यह क्षेत्र न तो ‘दिल्ली’ से और न ही ‘दिल’ से दूर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा के कुछ ”विशेष शुभचिंतक” भी हैं, जिन्हें यह सोच-सोचकर सिर में दर्द भी होता है कि उसकी जीत का राज क्या है? उन्होंने ऐसे ”शुभचिंतकों” को भाजपा की सफलता का रहस्य बताते हुए कहा, ”भाजपा के विजय अभियान का रहस्य छिपा है त्रिवेणी में…इसकी पहली शक्ति है भाजपा सरकारों के कार्य, दूसरी शक्ति है- भाजपा सरकारों की कार्य संस्कृति…तीसरी शक्ति है- भाजपा कार्यकर्ताओं का सेवा-भाव।”
कांग्रेस पर पीएम का निशाना
उन्होंने प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर यह कहते हुए निशाना भी साधा कि उसका यह हाल हो गया है कि वह कहीं देखने को नहीं मिलती। उन्होंने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि जब दिल में ही ”भारत को जोड़ने” की भावना न हो तभी उनकी पार्टी कह रही है कि पूर्वोत्तर के तीनों राज्य छोटे हैं और इनके नतीजे उतना मायने नहीं रखते।
पूर्वोत्तर के जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं उनमें मेघालय एकमात्र राज्य ऐसा है जहां भाजपा महज दो ही सीट पर सिमट पर गई। वर्ष 2018 के चुनाव में भी भाजपा ने यहां दो ही सीट जीती थीं। इस चुनाव में भाजपा ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और साथ में सरकार भी बनाई थी। हालांकि इस बार के चुनाव से ठीक पहले वह एनपीपी से अलग हो गई और अलग चुनाव लड़ी।
बता दें कि कुछ दिनों पहले जब सीबीआई ने मनीष सिसोदिया से पूछताछ की थी तब आम आदमी पार्टी के एक कार्यकर्ता ने मर जा मोदी का नारा लगाया था। उससे पहले मोदी तेरी कब्र खुदेगी जैसी बातें भी कही गई थीं। तीन राज्यों में बीजेपी की जीत ने विपक्ष को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि साल 2024 में अकेले पीएम मोदी के आभामंडल से निपटने के लिए उनकी रणनीति क्या होगी।